संपादकीय

ट्वायलेट गंदा है

भारत में आज भी सरकारी अस्पतालों के ट्वायलेट बद से बदतर हैं … रमेश कुमार मिश्र इसे विडंबना कहें या अनदेखी समझ नहीं आता कि आजादी के पचहत्तर वर्ष बाद…

अ से अंगीठी

अरुणाकर पाण्डेय एक साधारण नागरिक जो एक छोटी सी प्राइवेट नौकरी करता है,उसकी शिक्षा का स्तर क्या होना चाहिए, बल्कि यह प्रश्न यह होना चाहिए कि उसकी समझ सामान्य विज्ञान…

राष्ट्र के रत्न रतन टाटा को अश्रुपूरित नेत्रों से विदायी

रमेश कुमार मिश्र टाटा ग्रुप के सफल मार्गदर्शक मशहूर उद्योगपति जिंदादिल इंसान रतन टाटा ने 9 अक्टूबर को मुंबई के कैंडी अस्पताल मे आखिरी सांस ली । रतन टाटा के…

क्यों कठिन होते जा रहे हैं गांधी ?

अरुणाकर पाण्डेय गांधी जयंती को हम एक उत्सव की तरह देखते हैं और इस दिन अक्सर उन्हें बहुत आदर के साथ भारत और विश्व में याद किया जाता है ।…

हिंदी है तो हम हैं

रमेश कुमार मिश्र संस्कृत तनया हिंदी के प्रचार -प्रसार और महत्ता को स्थापित करने की तिथि 14 सितम्बर हिंदी दिवस के रूप मनाया जाता है. ध्यातव्य है कि सितंबर माह…

प्रगति पथी भारत

प्रगति के पथ पर नित नई कहानी लिखता हुआ भारत दुनिया की सबसे बड़ी पांचवी अर्थव्यवस्था बनकर दुनिया को यह संदेश देने में सफल रहा कि आत्मनिर्भरता में भारत किसी…

संपादकीय

www.kahanitak.com आपको बताते हुए हमें हर्ष हो रहा है कि हम आपके बीच सोशलमीडिया प्लेटफार्म पर “कहानी तक”(www.kahanitak.com) का शुभारंभ कर रहे हैं. कहानी तक एक पहल है उस सांस्कृतिक…