रहमान की भैंस ( बाल कहानी )
ठाकुर प्रसाद मिश्र मियां रहमान पहलवानी का शौक रखते थे । गोरा रंग ,गठा शरीर ,ऐंठी हुई भुजाएं कुल मिलाकर वे पहलवान थे । जितने वे स्वस्थ थे उससे अधिक…
ठाकुर प्रसाद मिश्र मियां रहमान पहलवानी का शौक रखते थे । गोरा रंग ,गठा शरीर ,ऐंठी हुई भुजाएं कुल मिलाकर वे पहलवान थे । जितने वे स्वस्थ थे उससे अधिक…
रमेश कुमार मिश्र चंदनपुरा गांव क्षत्रियों की बहुलता वाला गांव था । गांव में अनेक जाति के मनुष्य रहते थे । य़था ब्राह्मण, यादव, बनिया, लोहार, नाई, कहार और गांव…
रमेश कुमार मिश्र माँ आज बाजार नहीं चलोगी क्या? माँ ने कहा नहीं, मेरे बच्चे। माँ देखो तुम ने पिछले बुधवार को कहा था कि रविवार को तुम मुझे नए…
रमेश कुमार मिश्र उस अजनबी में ऐसा क्या है? जो मेरा चित्त उससे हटता ही नहीं है। बराबर उसी के बारे में सोचती रहती हूँ। मैं बार-बार जितना उससे अपना…
रमेश कुमार मिश्र एक दिन शाम का वक्त थ मैं अपने घर से बाजार की तरफ जा रहा था । रास्ते में एकाएक हमारे एक पुराने मित्र आते हुए दिख…
रमेश कुमार मिश्र सूरज अस्ताचल की ओर जाते हुए अपना प्रकाश धीरे -धीरे कम करता हुआ, ताप रहित पीली रश्मियों से पर्वतों के हरित प्रदेश पर अपनी छटा विखेर रहा…
ठाकुर प्रसाद मिश्र सेठ गिरधारी लाल ने पत्नी होने के बाद लंबे समय तक अवसाद में रहने के बाद एक दिन वियोग की पीड़ा को दबाते हुए बिना किसी उद्देश्य…
रमेश कुमार मिश्र रचनापुर गांव के स्कूल में दिगंबर और ज्योति सहपाठी थे।पांचवी कक्षा तक दोनों एक ही कक्षा और एक ही खंड में साथ- साथ बैठते थे। दोनों में…
रमेश कुमार मिश्र दादी ने आवाज दी कि अरे रामू बेटा सांझ हो गयी है तुमने अभी तक ड्योढ़ी पर दीपक नहीं जलाया. बेटा सूरज के ढलने के साथ ही…
रमेश कुमार मिश्र रात्रि का समय खुला आसमान नीम का पेड़ उसके नीचे बैठकर मैं बिजली की रोशनी में कुछ पढ़ रहा था, कि एकाएक मेरी निगाह उत्तर दिशा में…