विकास की ओर

विकास

अरुणेश मिश्र

देशप्रेम बढ़ा है
सहयोग भाव बढ़ा है
शांत स्वभाव बढ़ा है
झूठो का प्रभाव बढ़ा है
तापमान बढ़ा है
मान – अपमान बढ़ा है
इसी तरह
भेदभाव , हावभाव
वाद – विवाद
विरोध – प्रतिरोध
शोध – प्रतिशोध
पर्यावरण शुद्धता
दान दक्षिणा
मौरंग बालू
ईंट , सीमेन्ट
बाजार भाव
चोरी तस्करी
हरामखोरी
बेरोजगारी बढ़ी है
उसकी ही बज रही है जिसकी मढ़ी है ।
धार्मिक आस्था
पूजा पाठ
भय , वीरता , शूरता
वाणी में क्रूरता
सबकुछ तो बढ़ा है
साहस भी बढकर के
एक दूसरे पर चढ़ा है ।
मृत्यु दर
जन्म दर
दुर्घटनाएं
विपदाएं
यातनाएं
Tv , मोबाइल
लैपटॉप , कम्प्यूटर
चीनी सामान की खरीद
खरीद का विरोध
सीमा तनाव
तनाव का समाधान
लेनदेन
बीमारी , बटमारी , लाचारी
बढ़ती ही जाती है
सहयोग राशि सरकारी
कहीं नही पीछे हैं
बस , आँखे मीचे हैं ।

कवि प्रसिद्ध साहित्यकार और सीतापुर इंटर कॉलेज उ. प्र. के पूर्व प्राचार्य हैं।

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