धैर्य
रमेश कुमार मिश्र घनघोर घटाओं का गर्जन, या कि समुद्र की प्रचंड लहर | कब रोक मनुज को पाया है विघ्नों का नंगा क्रोध प्रबल ? है प्रकृति अगर बहुबल…
रमेश कुमार मिश्र घनघोर घटाओं का गर्जन, या कि समुद्र की प्रचंड लहर | कब रोक मनुज को पाया है विघ्नों का नंगा क्रोध प्रबल ? है प्रकृति अगर बहुबल…
प्रसिद्ध हिंदी कवि सर्वेश्वरदयाल सक्सेना जी की जयंती पर विशेष अरुणाकर पाण्डेय हम किसे सुन्दर समझते हैं और किसे नहीं यह बहुत कुछ इस पर निर्भर करता है कि हम…
टीम कहानीतक : हिंदी दिवस के मौके पर संसदीय राजभाषा के अध्यक्ष केंद्रीय गृह व सहकारिता मंत्री अमितशाह ने राजभाषा की हीरक जयंती पर सिक्का जारी करने के साथ, भारतीय…
रमेश कुमार मिश्र खिली है फूलों से मेरी धरती सुंदर सुहानी, अंबर चूमे इस माटी को लेकर मीठा पानी, भारवि, दंडी ,कालिदासा ,बाल्मीकि विज्ञानी, संत कबीरा, तुलसीदासा ,मीरा दिवानी, भाई…
रमेश कुमार मिश्र जिसे देखो आज वही अखबार है, पन्ना तो है भक्त कलम लाचार है, कंचन की चाह में खोए खबरकार हैं, दीन उर आतप व्यथा खड़ी बाजार है,…
ठाकुर प्रसाद मिश्र आदर्शों की चिता जल रही, संस्कृति लूट रहे मतवाले. जिसको नंदन वन समझा था, सारे फूल हैं काले – काले . जयकारों में चीत्कार है, ज्वलनशील बन…
ठाकुर प्रसाद मिश्र आज चातक की तृषा में तीव्रता का ह्रास है. नेह नीरद से नहीं अब क्षुद्र सरिता दास है, एक निष्ठा की कहानी विगत की स्वप्निल निशा बन.…
रमेश कुमार मिश्र हिंदी है तो हम हैं, यह भाव सदा उर मध्य बसे हिंदी | बहु चित्त चरित्र बाहक हिंदी, तन -मन हिंदी जीवन हिंदी|| कहीं रासो राज कही…
रमेश कुमार मिश्र लहर बीच सूर्य है कि सूर्य बीच लहर है. कि जल बीच कंचन ने आभा पसारी है, दृष्टि ही पीत है कि पीत स्वर्ण दृष्टि है, सहज…
रमेश कुमार मिश्र मैं कलम हूँ मेरा वजूद मेरी स्याही है, मैं थिरकती हूँ कवि तर्जनी पर अविराम. हो हृदय में पीर भारी , या कि उठती हों हिलोरें, मैं…