हर साल न जाने कितने बच्चे आई आई टी में दाखिला लेकर इंजीनियर बनने का सपना संजोए प्रवेश परीक्षाएं देते हैं
टीम कहानीतक—- हर साल न जाने कितने बच्चे आई आई टी में दाखिला लेकर इंजीनियर बनने का सपना संजोए प्रवेश परीक्षाएं देते हैं .उसमें से सेलेक्शन कुछ बच्चों का ही होता है. कहते हैं जहाँ चाह है वहाँ राह है, कोई फर्क नहीं पड़ता कि एक प्रतिभाशाली व मेहनती छात्र का जन्म गांव में हुआ या किसी बड़े मेट्रो शहर में .जलालपुर तहसील के दुधई चितई पटी गांव की पृष्ठभूमि पर पले बढ़े मैत्रेय तिवारी ने अपनी कठिन मेहनत व लगन से सिद्ध करके दिखा दिया . यह बात इस अवसर पर कहना इसलिए महत्वपूर्ण हो गयी है कि मैत्रेय तिवारी का भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आई आई टी) के फाइबर टेक्नोलॉजी शोध संस्थान में पीएचडी के लिए दाखिला हुआ है. मैत्रेय तब बधाई के पात्र और अधिक हो जाते हैं जबकि लाखों छात्रों के बीच वह इस परीक्षा को पास करके अपनी जगह पक्की करते हैं.
विनोद तिवारी जो ग्रामीण परिवेश में ही रहते हैं और एक कृषक हैं, यह बात तब एक पिता को गौरवान्वित कर देती है जबकि वह अपनी खेती किसानी के बल पर अपने बेटे / बिटिया को देश के उच्च शिक्षण संस्थानों में पढ़ाने का सपना देखता है और उसे पूरा करने के लिए गर्मी जाड़ा वरसात रात दिन एक कर देता है और बच्चा भी उसी अनुरूप रिजल्ट लेकर आता है. विनोद तिवारी भी यही साधना किए परिणाम आप सबके सामने है, वे बधाई के पात्र हैं.
टीम कहानी तक मैत्रेय को सफल होने की बहुत शुभकामनाएं प्रेषित करती है और उनके उज्जवल भविष्य की कामना करती है.