आलेख

सर्वेश्वरदयाल सक्सेना की कविता सौन्दर्य-बोध

प्रसिद्ध हिंदी कवि सर्वेश्वरदयाल सक्सेना जी की जयंती पर विशेष अरुणाकर पाण्डेय हम किसे सुन्दर समझते हैं और किसे नहीं यह बहुत कुछ इस पर निर्भर करता है कि हम…

वर्तमान समय और हिंदी का प्रचार

अरुणाकर पाण्डेय नई आवश्यकताओं और नए माध्यमों ने हमेशा भाषा को नए रूप देने में अग्रणी भूमिका निभाई है|जब बहुत सरल स्तर पर भाषा केवल संपर्क का काम करती थी…

“शोहरत एक जेल है” : बियांसे

अरुणाकर पाण्डेय शिखर पर पहुंचना एक बड़ी बात है लेकिन जब इंसान वहाँ स्थापित हो जाता है तो उसके सोचने का तरीका बदल जाता है |उसे जैसे अब और सफलता…

मौत की एक साधारण खबर

मौत की एक साधारण खबर अरुणाकर पाण्डेय एक दर्दनाक खबर सीतापुर से आई है, जहां रील बनाते हुए एक परिवार के तीन लोगों की ट्रेन से कटकर मौत हो गई…

हिंदी कवि गजानन माधव मुक्तिबोध जी की पुण्यतिथि के अवसर पर                      

मुक्तिबोध जी की कविता ‘बेचैन चील’ अरुणाकर पाण्डेय मुक्तिबोध हिंदी के एक ऐसे विरले साहित्यकार हैं जिन्होनें हिंदी साहित्य के चलन को ही बदल कररख दिया | उदाहरण के लिए…

हिंदी नयी चाल में ढली

भारतेंदु विशेष रमेश कुमार मिश्र उत्तर प्रदेश के काशी में 9 सितंबर 1850 को जन्मे भारतेंदु हरिश्चन्द्र का साहित्यक योगदान सदैव स्तुत्य है. कम समय के जीवन में बड़े कार्यों…

शेक्सपियर इन बनारस  

शेक्सपियर इन बनारस (व्यंग्य) अरुणाकर पाण्डेय दुनिया में जादू नाम की एक चीज होती है | इसी के कारण इतिहास ससपेंड हो गया और वह भी ऐन होली के दिन…

लाईब सुसाइड की बढ़ती प्रवृत्ति चिंताजनक

विश्व आत्महत्या निवारण दिवस (10 सितम्वर) पर विशेष डॉ मनोज कुमार तिवारी वरिष्ठ परामर्शदाता ए आर टी सेंटर, एसएस हॉस्पिटल, आई एम एस, बी एच यू, वाराणसी इस वर्ष 22…

भारतेंदु दिवस का एक अर्थ स्त्री आधुनिकीकरण भी है

भारतेंदु दिवस के अवसर पर विशेष अरुणाकर पाण्डेय पिछले कई दिनों से स्त्री अपराध से संबंधित मुद्दे भारत के मानस और राजनीति का केंद्र बने हुए हैं | स्त्री लगातार…