Lord Shree Ram Jai Shree Ram

प्रस्तुत आरती प्रभु के प्रति श्रद्धा व्यक्त करती है

ठाकुर प्रसाद मिश्र

आरती किस मुख से प्रभु गाऊं ?

गर्भ त्रास  भयभीत मुरारी हर पल तुम्हें मनाऊं ||

भजन हेतु तव बचन दिया पर अब सब कुछ बिसराऊं|

जिह्वा हुई स्वाद से मैली दशनामी कुभोज्य चबाऊं ||

तृष्णा ताप तपे उर भीतर किस थल तुम्हें बिठाऊं

नासा स्वार्थ गन्ध से पूरित अधर लोभ के ठाऊं ||

बुद्धि निरत अपकार पराए कर पर धन फैलाऊं |

मद मत्सर माया के गहने पहन सदा इतराऊँ ||

मिथ्या दंभ असत्य आचरण दूषण कौन गिनाऊँ |

मन मांझी तन तरी डुबाए कर मल- मल पछिताऊं ||

मिश्र अपावन तुम अति पावन कैसे तव पद पाऊं |

ममता मैल सकल तन व्यापी साबुन कौन लगाऊं ||

अब तो शरण तुम्हारी रघुवर तुम पर वलि वलि जाऊं |

पगरज की यदि कृपा मिले तो मैं भी भव तरि जाऊं. ||

रचनाकार हिंदी के प्रतिष्ठित साहित्यकार हैं.प्रकाशित हिंदी उपन्यास “रद्दी के पन्ने”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *