सुनो ध्यान से तुम आ जाओ

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मोबाइल से चैट न करना


अरुणेश मिश्र

where are you flowing

कौन जानता दर्द किसी का

क्या लेना क्या देना है ?

कैसे किसका जीवन चलता

कैसा साग चबेना है ?

कितने दिन से यहां अकेली

प्रियतम कब तुम आओगे

जब आओगे घर आंगन सब

हरा भरा ही पाओगे

मोबाइल से चैट न करना

सीधे घर ही आ जाना

ताजा ही घी दूध मिलेगा

गरम गरम खाना खाना

लछिमिनिया रामेसर के संग

बिना बताए चली गयी

और किसनुआ ले आया है

दूर देस से नयी नयी

सुनो ध्यान से तुम आ जाओ

तीन महीना बीत गए

बच्चों के स्कूल खुल गए

फीस नही , हम रीत गए

रचनाकार -हिंदी के प्रतिष्ठित साहित्यकार हैं और सीतापुर इंटर कालेज के पूर्व प्राचार्य रह चुके हैं

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