हिंदी दिवस के शुभ अवसर पर भावबोहित शुभकामनाएं
ठाकुर प्रसाद मिश्र
लिपि देवनागरी, अमिय गागरी, शब्द सागरी जय हिंदी।
तुम युग प्रत्याशा राष्ट्र की भाषा, भारत माँ मस्तक विंदी।।
तुम्हें सूर सराहें, तुलसी साधें, मीरा, कविरा उर धारे।
सब कवि लेखक सँग आलोचक, कर बद्ध खडे़ तेरे द्वारे।।
तुम कैंची नहीं सुई जैसी, सारे जग में सम्मान तेरा।
इक्कीसों बहनें संग खड़ीं , उनसे है जुड़ा अभिमान तेरा।।
संयुक्त राष्ट्र में मान तेरा, हर देश में है जय गान तेरा।
हे! संस्कृत तनया अभिनंदन, नभ संकुल है प्रतिमान तेरा।
रचनाकार प्रतिष्ठित हिंदी के साहित्यकार हैं.
प्रकाशित हिंदी उपन्यास ” रद्दी के पन्ने”