पिताimage source meta ai

डॉ सत्येन्द्र सत्यार्थी

डा. सत्येंद्र सत्यार्थी

है निशा जिंदगी, जागरण हैं पिता,

हर तरक्की के अंतःकरण हैं पिता।

जिंदगी मुश्किलों ठोकरों से भरी,

उनसे बचने का दृढ़ आवरण हैं पिता। 

कष्ट-ग़म के हलाहल पिये शांति से,

धैर्य-गाम्भीर्य के आचरण हैं पिता।

सिर्फ चाहें कि संतान आगे बढ़े,

प्रगति-उन्नति के वातावरण हैं पिता। 

माँ अगर वाङ्मय काव्य-संसार है,

उच्चतम-शुद्धतम व्याकरण हैं पिता।

जीते-मरते वे संतान सुख के लिए,

पूरे परिवार के संभरण हैं पिता।

है अलौकिक पिता शब्द सत्यार्थी,

त्याग-तप-धर्म के आभरण हैं पिता।

रचनाकार – हिंदी के प्रतिष्ठित कवि एवं लेखक हैं।

मो.नं.— 9818266004

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