कविता

एक यात्रा 

अरुणेश मिश्र पहले हम जनसेवी हुए संकल्पवान हुए फिर जननायक हुए स्वागत सम्मान हुआ वह सोना हो गया जिसे जिसे छुआ हमारे आसपास बहुत सी गायिका हुईं गायक हुए हमको…

सेल्फी नेपथ्य की 

समय के षडयंत्रो के साथ खड़े होकर अरुणेश मिश्र समय के षडयंत्रो के साथ खड़े होकर अपनी औकात से ज्यादा बड़े होकर हम भी लेंगे सेल्फी जबरन खिचवाएँगे उनके साथ…

“ साहस की नौका “

रमेश कुमार मिश्र संघर्षों के महासमर में युद्ध तुम्हें लड़ना होगा. मरुभूमि तपन की हो चाहे! हर पांव तुम्हें रखना होगा. पथ शूल लाख हों दर्द नहीं हे! पैर तुम्हें…

लोकतंत्र

अरुणेश मिश्र कोई गीता लिए खड़ा हैकोई कुरान लिए खड़ा हैकोई संविधान लिए खड़ा हैसमाज औंधे मुंह पड़ा है !समाज मे भी तरह तरह के लोग हैंकिसी को उपदेश में…

विडंम्बना

ठाकुर प्रसाद मिश्र तिरोहित आर्य संस्कृति, विलुप्त वेद ज्ञान है.विडम्बना नियति की है, कि सब स्वयं महान हैं. कहें मिटाएं रूढ़ियां पर, नष्ट होतीं पीढ़ियाँ.उद्दंडता प्रवृत्ति ही, बनी विकास सीढ़ियां.…

लम्बोदर

ठाकुर प्रसाद मिश्र सोहत नगेश तनुजा के अंक गज भाल |उमगि उठाय कर चरण चलावते || स्तन युगल क्षीर आकुल ह्वैपान करैं |पितु तनु देखि युग नैन मटकावते || पुलकि…