गुरू शतपथ है
शिक्षक पर “गुरू शतपथ है” श्री अरुणेश मिश्र द्वारा लिखित काव्य पंक्तियाँ जो गुरू के प्रति श्रद्धा भाव को जागृत करती है, सम्पादक मंडल के निर्णय से यह रचना प्रकाशित…
शिक्षक पर “गुरू शतपथ है” श्री अरुणेश मिश्र द्वारा लिखित काव्य पंक्तियाँ जो गुरू के प्रति श्रद्धा भाव को जागृत करती है, सम्पादक मंडल के निर्णय से यह रचना प्रकाशित…
जय देव भूमि भारत की , जय वीर प्रसवनी माते । ठाकुर प्रसाद मिश्र जय देव भूमि भारत की , जय वीर प्रसवनी माते । अर्पित तुमको तन मन है,शुभ…
न मानवीय मूल्य की रही कहीं भी साधना ठाकुर प्रसाद मिश्र न मानवीय मूल्य की रही कहीं भी साधना | मिटा विधान सत्य का असत्य की आराधना || अल्लाह और…
ठाकुर प्रसाद मिश्र उठो ब्राह्मणों तेज संभालो जग में नया प्रकाश भरो | अविवेकी तम पसर न पाये इसका सतत विनाश करो || तुमने बांटा ज्ञान जगत को जन को…
रामचरितमानस वैशिष्ट्य ठाकुर प्रसाद मिश्र मैं रघुवर का चरणामृत हूं, अवधी हिंदी श्रृंगार हूं मैं | मैं नहीं पथिक का बट गायन, वाणी वीणा झंकार हूं मैं || जो अपसंस्कृति…
कविता : पथिक हे! पथिक जाते कहाँ हो? दिवस अब सोने को जाता | यह महामानी नगर ना रैन में दीपक जलाता || है उलूकों का यहाँ पहरा निरंतर रात…
दिनकर की अति दिव्य प्रभा पर कालिख कैसी ठाकुर प्रसाद मिश्र दिनकर की अति दिव्य प्रभा पर कालिख कैसी?कनक थाल में लगी हुई हो काई जैसी || ग्रहण लगा सा…
अरुणेश मिश्र पहले हम जनसेवी हुए संकल्पवान हुए फिर जननायक हुए स्वागत सम्मान हुआ वह सोना हो गया जिसे जिसे छुआ हमारे आसपास बहुत सी गायिका हुईं गायक हुए हमको…
समय के षडयंत्रो के साथ खड़े होकर अरुणेश मिश्र समय के षडयंत्रो के साथ खड़े होकर अपनी औकात से ज्यादा बड़े होकर हम भी लेंगे सेल्फी जबरन खिचवाएँगे उनके साथ…
ठाकुर प्रसाद मिश्र मलिन वस्त्र में विलख अरे यह कौन चली है ? किस पर विस्वास निशा में गयी छली है ? सदय हुआ एक हृदय निकट जा उससे पूछा…