डा. संदीप (Dr.Sandeep)

तेरे चेहरे पर हँसी देख कर मैं भी मुस्कुराता हूँ
ज़िंदगी की सारी परेशानियाँ यूँ ही भूल जाता हूँ..
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वैसे तो रोज़ाना रूबरू होते हैं चहेरे मुझ से कई
पर तेरे लबों की मुस्कान से ही रूह में सुकूँ पाता हूँ..
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नाम तेरा लेते ही दिल को जो राहत मिलती है
अब इबादत से ज़्यादा प्यार के नग्में गुनगुनाता हूँ..
नज्मकार -पत्रकार, लेखक, विचारक व ब्लागर हैं