एक शांति के लिए
अरुणेश मिश्र
एक शांति के लिए आदमी
क्या क्या करता है ?
किसी रूपसी के आंचल की
छांव खोजता है ।
वन प्रान्तर में घूम घूम कर
पांव खोजता है ।
कभी योग में कभी भोग में
इधर उधर भ्रमता ।
अवसर पाकर के नियोग में
सप्रयास रमता ।
रूप , रंग , रस के पीछे
जीवन भर मरता है !
एक शांति के लिए आदमी
क्या क्या करता है ?
सत्य बोलता शांति के लिए
झूठ बोलता है ।
कभी रहस्य छिपाता भी है
कभी खोलता है ।
पद , कुर्सी से शांति मिलेगी
तेल लगाता है ।
आगे पीछे दौड़ लगाकर
कुछ मिल जाता है ।
अपना मन कबिरा का वंशज
लिए अमरता है !
एक शांति के लिए आदमी
क्या क्या करता है ?
रचनाकार हिंदी साहित्य के प्रतिष्ठित साहित्यकार हैं और सीतापुर इंटर कालेज के पूर्व प्राचार्य रह चुके हैं .
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