इश्क़ (गजल)
रमेश कुमार मिश्र मैं शहर जो बना तेरे ऐतबार में तुम शहर छोड़कर यूँ चले क्यों गए? कोई शिकवा नहीं जुस्तजू भी नहीं यूँ चले भी गए तो कहाँ जाओगे?…
रमेश कुमार मिश्र मैं शहर जो बना तेरे ऐतबार में तुम शहर छोड़कर यूँ चले क्यों गए? कोई शिकवा नहीं जुस्तजू भी नहीं यूँ चले भी गए तो कहाँ जाओगे?…
रमेश कुमार मिश्र संस्कृत तनया हिंदी के प्रचार -प्रसार और महत्ता को स्थापित करने की तिथि 14 सितम्बर हिंदी दिवस के रूप मनाया जाता है. ध्यातव्य है कि सितंबर माह…
अरुणाकर पाण्डेय हिंदी के लोग कौन हैं जो हिंदी दिवस मनाते हैं ? देखा जाए तो इसमें मूलत: वे सब लोग शामिल होते हैं जो उसमें लिखते,पढ़ते और रचते हैं…
अरुणाकर पाण्डेय नई आवश्यकताओं और नए माध्यमों ने हमेशा भाषा को नए रूप देने में अग्रणी भूमिका निभाई है|जब बहुत सरल स्तर पर भाषा केवल संपर्क का काम करती थी…
रमेश कुमार मिश्र रचना रचिकै रचनाकर ने रचना में रची रचना सगरी. प्रभु राम के धाम अयोध्या पुरी जहाँ स्वर्ग छटा बिखरी- बिखरी. अरि हारि गयो हरि आइ गयो सुघरी…
अरुणाकर पाण्डेय शिखर पर पहुंचना एक बड़ी बात है लेकिन जब इंसान वहाँ स्थापित हो जाता है तो उसके सोचने का तरीका बदल जाता है |उसे जैसे अब और सफलता…
एक शांति के लिए अरुणेश मिश्र एक शांति के लिए आदमी क्या क्या करता है ? किसी रूपसी के आंचल की छांव खोजता है । वन प्रान्तर में घूम घूम…
मौत की एक साधारण खबर अरुणाकर पाण्डेय एक दर्दनाक खबर सीतापुर से आई है, जहां रील बनाते हुए एक परिवार के तीन लोगों की ट्रेन से कटकर मौत हो गई…
प्रणय के गीत ठाकुर प्रसाद मिश्र साथ दो यदि तुम प्रिये तो हम क्षितिज के पार जायें। हाथ दो तो चन्द्र तारक गोंद ले लोरी सुनाएं। जगमगाती वह प्रभा जो…
स्वच्छ भारत ठाकुर प्रसाद मिश्र सिंगल यूज प्लास्टिक त्यागो, यह जीवन पर भारी है | अगणित दुर्गुण का यह स्वामी इससे जगत दुखारी है || सर सरिता सागर तक दूषित…