September 16, 2024

दर्द-ए-तन्हाई

डा. संदीप (Dr.Sandeep) वो कुछ इस तरह उमड़ती घुमड़ती मेरी ज़िंदगी में आई थी जैसे तपती ज़मी की प्यास बुझाने बादलों ने ली अंगड़ाई थी.. — उसकी बातें मेरे दिल-ओ-दिमाग़…

किताब-ए-ज़ीस्त…

डा. संदीप ( Dr.Sandeep) मेरे ख़्यालों और ख़्वाबों की दुनिया सुकूँ देती है ये किताबों की दुनिया.. फ़लसफ़ा ज़िंदगी का इन्हीं से सीखा अंधेरों से निकाले चराग़ों की दुनिया.. पर…

राम नहीं है आग सुनो

रमेश कुमार मिश्र राम नहीं हैं आग सुनो, हैं राम ऊर्जा धारा | पिंड- पिंड में राम विराजें, है ब्रहमाण्ड राममय सारा || विंदु राम हैं, सिंधु राम हैं, राम…

प्रार्थना

रमेश कुमार मिश्र मन मानस में हरि भक्ति बसी | अब चित्त विषय रस हेरत नाहीं || रसना रसिका बनी रामहिं की | अब दूजा नाम कहावत नाहीं || नयनन…

अपना दर्द नहीं लिख पाता

अरुणेश मिश्र अपना दर्द नही कह पाया सबका दर्द सदा गाया है । जब देखी वेदना विश्व की लगा हर व्यथा में माया है । चिंतन में जो व्यस्त बहुत…

अति सीधे हैं तो कट जाएंगे

रमेश कुमार मिश्र नात्यन्तं सरलैर्भाव्यं गत्वा पश्य वनस्थलीम् | छिद्यन्ते सरलासत्र कुब्जास्तिष्ठन्ति पादपा: || आचार्य चाणक्य का मानना है कि जो व्यक्ति बहुत सीधे स्वभाव का होता है समाज में…