हिंदी जगत

गोविंद बल्लभ पंत पर प्रकाश झा का एक यादगार वृत्तचित्र

अरुणाकर पाण्डेय एक समय था जब दूरदर्शन बहुत महत्वपूर्ण वृत्तचित्र दिखाया करता था जो मेरे लिए दृश्य निबंध का काम करता था। उनमें विचार और ज्ञान पाया जाता था और…

आसान थोड़े ही है

विशाखा गोयल नज़रें चुराते हुए उन्हें तकना, खुद का टुकड़ों में होकर भी दिल औरों का रखना, आसान थोड़े ही है। स्याही से लिखा हुआ मिटाना, किसी फरेब को सफाई…

भीख मांगते हुए हाथ

अरुणाकर पाण्डेय मुझे याद है मैं पिछली बार भागा था भीख मांगते उसके हाथों से जब मैं शॉपिंग करना चाह रहा था जितनी स्थिरता उसकी आखों में थी हाथ में…

प्रेम की टीस ( हिंदी कहानी )

रमेश कुमार मिश्र सूरज अस्ताचल की ओर जाते हुए अपना प्रकाश धीरे -धीरे कम करता हुआ, ताप रहित पीली रश्मियों से पर्वतों के हरित प्रदेश पर अपनी छटा विखेर रहा…

वाघा बॉर्डर से पहली बार

(विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर विशेष) अरुणाकर पाण्डेय चिलचिलाती धूप में वाघा जाने का मतलब होता है पहली या आखिरी बार एक शब्द को जीना जिसे हम पाकिस्तान कहते…

श्री हनुमान कथा

भगवान अगस्त्य से भगवान राम के यह पूछे जाने पर कि सम्स्त युद्ध में अहम् भूमिका हनुमान की रही तो वह सुग्रीव के मित्र व मंत्री होने के बावजूद बालि…

जब कविता ने कवि को बादशाह की कैद से छुड़ाया 

अरुणाकर पाण्डेय बात सत्रहवीं शती की है । पुहकर नाम के एक कवि थे जो मूलतः मैनपुरी के परतापुर के रहने वाले थे और जीवन के बाद के दिनों में…

पुस्तकों के लिए

अरुणाकर पाण्डेय लगभग एक दशक पहले अमरीका की अलाबामा स्थित एथेंस लाइमस्टोन पब्लिक लाइब्रेरी की एक अनूठी और विचारणीय खबर सामने आई थी | इस पुस्तकालय में लगभग दो लाख…