महर्षि वशिष्ठ एवं ऋषि विश्वामित्र
ठाकुर प्रसाद मिश्र प्राचीन काल की बात है सतयुग का प्रथम चरण था, सम्पूर्ण सृष्टि सत्य स्वरूप थी। उस समय कोई भी बलवान व्यक्ति राज्य एवं प्रजा का पालन करता…
ठाकुर प्रसाद मिश्र प्राचीन काल की बात है सतयुग का प्रथम चरण था, सम्पूर्ण सृष्टि सत्य स्वरूप थी। उस समय कोई भी बलवान व्यक्ति राज्य एवं प्रजा का पालन करता…
“फिर हिंदी की किताबें कौन पढ़ेगा ?” डॉक्टर रामविलास शर्मा हिंदी के वरिष्ठ आलोचक डॉक्टर रामविलास शर्मा जी ने यह प्रश्न सन् 93 में एक साक्षात्कार में उठाया था ।…
डॉ मनोज कुमार तिवारी , वरिष्ठ परामर्शदाता एआरटी सेंटर, एस एस हॉस्पिटल, आईएमएस, बीएचयू, वाराणसी आधुनिक समय में भी स्वामी विवेकानंद के एक-एक शब्द दुनिया भर में लोगों को प्रेरित…