जब उन्नीसवीं सदी में अंग्रेजों के डर से कलम ने घुटने टेके
जब उन्नीसवीं सदी में अंग्रेजों के डर से कलम ने घुटने टेके अरुणाकर पाण्डेय अत्याचार से आंखें मोड़ने की पत्रकारिता जगत में अनगिनत चर्चाएं होती हैं और अनेक बार मीडिया…
जब उन्नीसवीं सदी में अंग्रेजों के डर से कलम ने घुटने टेके अरुणाकर पाण्डेय अत्याचार से आंखें मोड़ने की पत्रकारिता जगत में अनगिनत चर्चाएं होती हैं और अनेक बार मीडिया…
जय देव भूमि भारत की , जय वीर प्रसवनी माते । ठाकुर प्रसाद मिश्र जय देव भूमि भारत की , जय वीर प्रसवनी माते । अर्पित तुमको तन मन है,शुभ…
न मानवीय मूल्य की रही कहीं भी साधना ठाकुर प्रसाद मिश्र न मानवीय मूल्य की रही कहीं भी साधना | मिटा विधान सत्य का असत्य की आराधना || अल्लाह और…