कविता

साथ दो यदि तुम प्रिये तो

प्रणय के गीत ठाकुर प्रसाद मिश्र साथ दो यदि तुम प्रिये तो हम क्षितिज के पार जायें। हाथ दो तो चन्द्र तारक गोंद ले लोरी सुनाएं। जगमगाती वह प्रभा जो…

सिंग्ल यूज प्लास्टिक त्यागो

स्वच्छ भारत ठाकुर प्रसाद मिश्र सिंगल यूज प्लास्टिक त्यागो, यह जीवन पर भारी है | अगणित दुर्गुण का यह स्वामी इससे जगत दुखारी है || सर सरिता सागर तक दूषित…

हिंदी महिमा

हिंदी दिवस के शुभ अवसर पर भावबोहित शुभकामनाएं ठाकुर प्रसाद मिश्र लिपि देवनागरी, अमिय गागरी, शब्द सागरी जय हिंदी। तुम युग प्रत्याशा राष्ट्र की भाषा, भारत माँ मस्तक विंदी।। तुम्हें…

सुनो ध्यान से तुम आ जाओ

मोबाइल से चैट न करना अरुणेश मिश्र कौन जानता दर्द किसी का क्या लेना क्या देना है ? कैसे किसका जीवन चलता कैसा साग चबेना है ? कितने दिन से…

जीवन के हकीकत

जीवन के हकीकत को बयां करती हुई मेरी रचना अनुज परीक्षित पाण्डेय नखरे हैं किस बात के पगले,किसका तुझे गुमान रे तेरी भी डोली जाएगी,आखिर में शमसान रे।। माया का…

मदिरा

मदिरे सतस: धिक्कार तुझे, मदिरे है ! नमन हजार तुझे ठाकुर प्रसाद मिश्र मदिरे सतस: धिक्कार तुझे, मदिरे है ! नमन हजार तुझे चौदह रत्नों में कहलाई सुर नर मुनि…

कहाँ तुम बह रही हो

शांतवन है क्लांतमन दिग्भ्रान्त तन है तुम नहीं हो ! अरुणेश मिश्र शांतवन है क्लांतमन दिग्भ्रान्त तन है तुम नहीं हो ! साथ किसके रह रही हो ? तुम हमारे…

पर्यावरण बचाओ

वृक्ष हमारी प्रकृति के श्रृंगार हैं. संपूर्ण धरा इन वृक्षों से सुसज्जित रहती है. प्रस्तुत कविता में पर्यावरण की चर्चा हमें प्रकृति से जुड़ने को प्रेरित करती है ठाकुर प्रसाद…

राजभाषा हिन्दी

हिंदी को राजभाषा बनाएं सत्येंद्र कुमार दूबे हिंदी को राजभाषा बनाएं, मिलकर सब इसे अपनाएं। इसके संग देश की रौनक बढ़ाएं, हिंदी से हर दिल को मिलाएं। शब्दों में इसकी…