ठाकुर प्रसाद मिश्र
धनुहियां प्रभु की प्रीति बनी |
मणि माणिक उर माल कौस्तुभ शोभा अधिक धनी |
मंजु मुकुट मकराकृत कुंडल भृकुटि मनोज अनी |
मनहर तिलक कंज वर लोचन लूटुर अलक घनी |
मधुर अधर विम्बाफल राजे नासा कीर तनी |
सत्य पुंज तन अनुपम शोभा चिबुक कपोल सनी |
अभय हस्त संतन भय हारी सफल न काल फनी |
नख शिख सर्व काल सब भूषण कलि के कलुष हनी |
मधुर हास मुक्ता छवि लज्जित दृग करुणाम्बु कनी |
सीय राम की छवि की पूरक जब संग नहिं सजनी |
मिश्र निषंग धनुष बिनु कैसे जानूँ रघुकुल मनी ||
कवि /लेखक – हिंदी के प्रसिद्ध साहित्यकार हैं |