रमेश कुमार मिश्र

ठहरिए अगर आप अपनी गाडी से किसी बीमार परिवारीजन या परिजन को लेकर सफदरजंग अस्पताल जा रहे हैं तो गाडी लगाने से पहले यहां की पार्किंग का रेट जरूर पता कर लीजिएगा । पार्किंग के रेट में दिल्ली के शापिंग माल की बराबरी करता यह अस्पताल आपके उस समय होश उडा देगा जिस समय आप अपनी गाडी निकाल रहे होंगे। प्रति घंटे का बीस रूपये । यदि आपको मरीज के वास्ते इस असपताल में 30-35 घंटे रुकना पड गया तो आपकी जेब से 600-700 रूपये जाने तयं है ।
सवाल यह है कि अस्पताल कोई तब ही जाता है जब उसके यहां कोई बीमार हो जाता है या चोटिल हो जाता है । किसी भी व्यक्ति के लिए यह समय शारीरिक ,मानसिक और आर्थिक हर तरह से कष्ट प्रद होता है । कोई भी व्यक्ति अस्पताल पिकनिक मनाने नहीं जाता है अपितु परिवार, परिजन पर पडी बीमारी को ठीक कराने की उम्मीद से इन देश के बडे अस्पतालों में जाता है । अब हमारी सरकारों को यह जरूर सोचना चाहिए कि अस्पताल की पार्किंग के चार्ज और शापिंग माल की पार्किंग चार्ज में अंतर अवश्य होना चाहिए ।
एक परिवार में जब बीमारी होती है तो परिवार की रीढ टूट जाती है । प्रधानमंत्री मोदी जी का मिशन सस्ती दवा और इलाज का संकल्प सराहनीय है जिसके तहत आयुष्मान कार्ड और बहुत सी जीवन रक्षक दवाएं सस्ती हुईं ,कई सर्जिकल सामानों के कीमतों में भी कमी आयी । लेकिन इस तरह के अधिकाधिक पार्किंग शुल्क कम से कम अस्पतालों की परिधि में शोभा नहीं पाते हैं ।
सफदरजंग अस्पताल में पहले घंटे के बीस रूपये और इसके बाद से प्रति घंटे पार्किंग शुल्क बीस रूपये ही है,जबकि अमूमन होता यह है कि पहले तीन या चार घंटे के लिए बीस या तीस रूपये पार्किंग शुल्क होता है ,उसके बाद दस या बीस रूपये प्रति घंटे चार्ज किए जाते हैं । सफदरजंग अस्पताल के ठीक सामने दिल्ली एम्स है , जिसमें पार्किंग शुल्क लिय़ा काफी कम लिया जाता है । यह कैसे हो सकता है कि एक किलोमीट के दायरे में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान मेडिकल इंस्टीट्यूट की पीर्किंग में जाने पर तीस चालीस रूपये ही पहले तीन चार घंटों के देने होते हैं, और वहीं सामने सफदरजंग अस्पताल में हर घंटे के बीस रूपये ।
लेखक– दिल्लीविश्वविद्यालय दिल्ली से हिंदी में परास्नातक व हिंदी पत्रकारिता परास्नातक डिप्लोमा हैं ।