एक दन्त
अभ्यर्थना में महात्मा तुलसीदास जी लिखते हैं:- ठाकुर प्रसाद मिश्र जेहि सुमिरत सिधि, गणनायक करिवर वदन। करहु अनुग्रह सोई, बुद्धि राशि शुभ गुण सदन ॥ मूक होई वाचाल, पंगु लहइ…
अभ्यर्थना में महात्मा तुलसीदास जी लिखते हैं:- ठाकुर प्रसाद मिश्र जेहि सुमिरत सिधि, गणनायक करिवर वदन। करहु अनुग्रह सोई, बुद्धि राशि शुभ गुण सदन ॥ मूक होई वाचाल, पंगु लहइ…
रमेश कुमार मिश्र दादी ने आवाज दी कि अरे रामू बेटा सांझ हो गयी है तुमने अभी तक ड्योढ़ी पर दीपक नहीं जलाया. बेटा सूरज के ढलने के साथ ही…