कविता विडंम्बना कहानीतक August 10, 2024 1 Comment ठाकुर प्रसाद मिश्र तिरोहित आर्य संस्कृति, विलुप्त वेद ज्ञान है.विडम्बना नियति की है, कि सब स्वयं महान हैं. कहें मिटाएं रूढ़ियां पर, नष्ट होतीं पीढ़ियाँ.उद्दंडता प्रवृत्ति ही, बनी विकास सीढ़ियां.…