कविता

पर्यावरण बचाओ

वृक्ष हमारी प्रकृति के श्रृंगार हैं. संपूर्ण धरा इन वृक्षों से सुसज्जित रहती है. प्रस्तुत कविता में पर्यावरण की चर्चा हमें प्रकृति से जुड़ने को प्रेरित करती है ठाकुर प्रसाद…

राजभाषा हिन्दी

हिंदी को राजभाषा बनाएं सत्येंद्र कुमार दूबे हिंदी को राजभाषा बनाएं, मिलकर सब इसे अपनाएं। इसके संग देश की रौनक बढ़ाएं, हिंदी से हर दिल को मिलाएं। शब्दों में इसकी…

गुरू शतपथ है

शिक्षक पर “गुरू शतपथ है” श्री अरुणेश मिश्र द्वारा लिखित काव्य पंक्तियाँ जो गुरू के प्रति श्रद्धा भाव को जागृत करती है, सम्पादक मंडल के निर्णय से यह रचना प्रकाशित…

मैं रामचरितमानस हूं !

रामचरितमानस वैशिष्ट्य ठाकुर प्रसाद मिश्र मैं रघुवर का चरणामृत हूं, अवधी हिंदी श्रृंगार हूं मैं | मैं नहीं पथिक का बट गायन, वाणी वीणा झंकार हूं मैं || जो अपसंस्कृति…