हिंदी को राजभाषा बनाएं
सत्येंद्र कुमार दूबे
हिंदी को राजभाषा बनाएं,
मिलकर सब इसे अपनाएं।
इसके संग देश की रौनक बढ़ाएं,
हिंदी से हर दिल को मिलाएं।
शब्दों में इसकी मिठास है,
हर दिल में बसी ये खास है।
आओ इसे हम सब गले लगाएं,
हिंदी को राजभाषा बनाएं।
शिक्षा में हो हिंदी का प्रचलन,
साहित्य में बढ़े इसका चालन।
दफ्तरों में हो इसका उपयोग,
बनी रहे भाषा की सजीवता।
प्रौद्योगिकी में हो हिंदी का विस्तार,
सभी क्षेत्रों में हो इसका प्रचार।
मीडिया में हो इसका अधिक स्थान,
हिंदी से बढ़े राष्ट्र की पहचान।
नए युग में हिंदी को बढ़ाएं,
इसे डिजिटल में भी अपनाएं।
सॉफ्टवेयर, वेबसाइट, ऐप में लाएं,
हिंदी से हर तकनीक सजाएं।
गाँव-गाँव और शहर-शहर,
हिंदी का हो प्रचार प्रहर।
संस्कृति में इसका रंग बिखराएं,
हिंदी से हर ह्रदय को सजाएं।
हिंदी में हो विज्ञान की बात,
इससे बने हमारी नयी जात।
हर विषय में हो इसका ज्ञान,
हिंदी से बने सशक्त जहान।
हिंदी को राजभाषा बनाएं,
मिलकर इसे हम सब अपनाएं।
इसके संग देश की शान बढ़ाएं,
हिंदी से हर दिल को मिलाएं।
रचनाकार
हिंदी अनुवादक अधिकारी,राजभाषा विभाग
इरकॉन इंटरनेशनल लिमिटेड
रेलवे मंत्रालय, भारत सरकार
साकेत, नई दिल्ली
imge source google vikipedia