डा. संदीप (Dr.Sandeep)
जीवन तो निर्झर है चंचल इसका पानी है..
पवनवेग से बहते रहना ही इसकी कहानी है..
निर्झर में जीवन है गति है यौवन है जवानी है..
सपनों को पँख लगाकर उड़ान भरती जानी है..
घाटियों से बहते हुए रास्ते की बाधाएँ हटानी है..
पत्थरों से टकराकर दे जाता अपनी निशानी है..
नज्मकार -पत्रकार, लेखक, विचारक व ब्लागर हैं