गेंद को बम बताकर विमान को हाईजैक करने वाले बलिया की धरती के भोला नाथ पांडे ने लखनऊ स्थित अपने आवास पर 23 अगस्त 2024 दिन शुक्रवार को अन्तिम सांस ली . भोला नाथ पांडेय 1980 में बलिया से कांग्रेस के विधायक भी रहे.
देश जब आपातकाल की जकड़न से बाहर हुआ तो देश में आम चुनाव हुए और उस आम चुनावमें भारत में जनता पार्टी की सरकार बनी. जनता पार्टी की सरकार में मोरारजी देसाई भारत के प्रधानमंत्री और चौधरी चरण सिंह केंद्रीय गृहमंत्री बने. इसके पश्चात् उन्हीं के आदेश पर अक्टूबर माह
सन् 1977 को इंदिरा गाँधी की गिरफ्तारी हुई, और उन्हें जेल की सलाखों के पीछे डाल दियागया. भारत में यह पहला मौका था जब कि भारत के किसी प्रधानमंत्री को जेल में डाला दिया गया था .
जानकार बताते हैं कि भोलानाथ पांडेय ने इंदिरा गांधी को रिहा कराने की अनेक तरकीबों पर विचार करने के पश्चात अंततः अपने देश का विमान हाईजैक करने का निर्णय लिया. 20 दिसम्बर सन् 1978 को जैसे ही आईसी-410 यात्री विमान ने लखनऊ हवाई अड्डे से दिल्ली के लिए उड़ान भरा पहले से ही विमान में मौजूद भोला नाथ पांडेय और उनके साथी देवेंद्र पांडे ने पायलट की केबिन में घुसकर
गेंद को बम बताकर कप्तान एम .एन . बत्तीवाला को खूब डराया धमकाया और प्लेन को दिल्ली के बजाय नेपाल ले जाने की बात कही . पायलट ने प्लेन में ईंधन की कमी बताया तो फिर उन्होंने वाराणसी एअरपोर्ट पर प्लेन को उतारने की सहमति बनाई, और शर्त रख दिया कि इंदिरा
गाँधी की रिहाई यदि नहीं हुई तो हम प्लेन को यात्रियों सहित बम से उड़ा देंगे.
तत्कालीन केंद्र सरकार जब उनकी इस धमकी के सामने नहीं झुकी तब बलिया की धरती से उनके पिताजी को बुलाकर उनसे बात कराई गई. तब जाकर उन्होंने अपने आपको पुलिस के हवाले किया और तब पता चला कि वह जिसे बम बता रहे थे वह तो एक गेंद थी. वही गेंद जिससे खेल-खेला जाता है. इस तरह भोलानाथ पांडे अपने ही देश के विमान को हाईजैक कर खेल- खेल रहे थे.
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सकते हैं.
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