समय के षडयंत्रो के साथ खड़े होकर
अरुणेश मिश्र
समय के षडयंत्रो के साथ खड़े होकर
अपनी औकात से ज्यादा बड़े होकर
हम भी लेंगे सेल्फी
जबरन खिचवाएँगे उनके साथ फोटो
फिर हम भी बन जायेंगे
उनके बराबर कन्धे से कन्धा लगाने वाले
उन्ही की तरह धंधा चलाने वाले
लगाएंगे उनकी ही लाश में कन्धा
यह जग क्या करेगा
जो कल से आजतक ही रहा अंधा ।
यह सेल्फी
हमारी ऊंचाई बताएगी
हमारी पहुंच को गायेगी
सम्बन्धो की कहानी कहेगी
हम जो करेंगे
उसे जनता चुपचाप सहेगी ।
जिस देश मे एक नन्हे पौधे को
लगाते हुए
दस लोग फ़ोटो खिंचाते हैं
मुस्कराते हैं
फिर भी हम प्रदूषित वातावरण से
घबड़ाते हैं
केवल इतना ही नही अपितु
साफ सुथरी फर्श या सड़क पर
सफाई कर्मचारियों के अलावा
जहाँ दस दस महापुरुष
झाड़ू लगाते हैं
फिर भी हम स्वच्छता के लिए
तरस जाते हैं ।
सभी अभियान कैमरे की निगाह में हैं
और हम आप
भगवान की निगाह में हैं
सावधान रहिए
वही कहिए
जो करिए
यही स्थायी फलदायी सेल्फी है
समय के साथ मत बहिये ।
कवि हिंदी के ख्यातिलब्ध साहित्यकार हैं और सीतापुर इंटर कालेज के पूर्व प्राचार्य रह चुके हैं.