ठाकुर प्रसाद मिश्र
कब नया बिहान होगा?
देश की काया कलुष का कब पुन: अवसान होगा?
मुर्ख पंडित मान खंडित शर्म नयनों से तिरोहित.
त्याग सारी मान्यताएं जौ खड़े दुर्बाद मोहित.
त्याग सारे स्वार्थ अवगुण त्याग का कब मान होगा.
दस्यु शासक दल बना जो देश को है लूट खाता.
करुण क्रंदन निर्धनों का जिन्हें लोरी सम सुनाता.
कंस दल का बधाई करे जो अब कौन भगवान होगा?
डगमगाती नाव में जो नींद में गोते लगाते.
लीलती ‘जीवन’ भंवर जो देख कर हैं मुस्कुराते .
दैत्यों का बध करे जो अब कौन श्री राम होगा.?
कौन थे हम, अब कहाँ हैं, लक्ष्य अब क्या है हमारा.?
बन मनुज आए धरा पर अब न क्या आना दुबारा?
ज्ञान की गीता सुनाए, अब कौन वह श्याम होगा?
कब नया विहान होगा ?
रचनाकर -सुप्रसिध्द साहित्यकार हैं.
प्रकाशित हिंदी उपन्यास रद्दी के पन्ने