के सी त्यागी का जदयू राष्ट्रीय प्रवक्ता पद से इस्तीफा
टीम कहानी तक –बिहार की सत्ता रूढ़ पार्टी जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता के सी त्यागी ने पार्टी के अपने राष्ट्रीय प्रवक्ता पद से इस्तीफा दे दिया है. जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतिश कुमार ने उनकी जगह राजीव रंजन प्रसाद को जदयू राष्ट्रीय प्रवक्ता पद की जिम्मेदारी सौंप भी दिया है .पार्टी के महासचिव अफाक अहमद खान ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए राजीव रंजन प्रसाद की नियुक्ति जानकारी दिया तो दूसरी तरफ के सी त्यागी जी के इस्तीफे पर यह बताया कि उन्होंने निजीकारणों से इस्तीफा दिया है.
पार्टी कारण जो भी बता रही हो लेकिन सब कुछ इतनी जल्दी बाजी में होना सवाल तो खड़ा करता है. के सी त्यागी और नीतीश कुमार की जोड़ी बहुत पुरानी है. के सी त्यागी कई बार पार्टी के संकटमोचक बनकर पार्टी के हित को साधने में कामयाब रहे हैं. इतनी पुरानी दोस्ती पर इस्तीफा और उसके बाद तुरंत नियुक्ति, नीतीश कुमार और के सी त्यागी के बीच सब कुछ सहज होने की सपाट कहानी तो नहीं कहते हैं.
के सी त्यागी जो कि एक बार लोक सभा और एक बार राज्य सभा सदस्य रह चुके हैं , और अधिकतर जदयू की सेवा में उनका राजनीतिक सफर चलता रहा है. के सी त्यागी उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद से आते हैं. वे उत्तर प्रदेश के प्रभारी भी रह चुके हैं. जदयू बिहार की प्रमुख क्षेत्रीय पार्टी है , वह विस्तार अन्य राज्यों में विस्तार हेतु जमीन तो खोजती दिखती है परंतु उस पर सही से अमल न करना कई बार लगता है कि वह अपने आपको सिर्फ बिहार तक ही सीमित रखना चाहती है. उत्तर प्रदेश जदयू के लिए उर्बराभूमि साबित हो सकती थी, लेकिन जदयू के नीतीश कुमार ने कभी यह अवसर पनपने ही न दिया . इसके पीछे कहीं किसी उत्तर प्रदेश के राजनीतिक परिवार पर विशेष कृपा तो नहीं, अन्यथा इतनी उर्बराभूमि पर के सी त्यागी जैसे कद्दावर नेता को राज्यसभा तो भेजा सकता था. लेकिन जदयू ने यह नहीं किया.
राष्ट्रीय प्रवक्ता का पद के सी त्यागी जी के लिए उनकी योग्यता का आधार है, लेकिन पार्टी के प्रति समर्पण को देखते हुए, उनको सदन तक न भेजना यह दर्शाता है कि पार्टी उत्तर प्रदेश को लेकर बिल्कुल उदासीनता के रस में डूबी हुई है.
के सी त्यागी जी का आनन- फानन में इस्तीफा उत्तर प्रदेश में होने वाले उपचुनाव में एक भी सीट पर बात न बनने पर हो सकता है . उत्तर प्रदेश में जदयू के लिए जब- जब मौका आता है तब- तब एनडीए से एक भी सीट नहीं ले पाती है. ऐसे में उत्तर प्रदेश से आने वाले के सी त्यागी उत्तर प्रदेश के अपने कार्यकर्ताओं के लिए पार्टी स्तर कुछ नहीं कर सकने में असमर्थ होते हैं.
उनके इस्तीफे के पीछे की वजह यह भी हो सकती है कि उनके सुपुत्र अंबरीश त्यागी उत्तर प्रदेश भाजपा में बड़ा कद रखते हैं और इस समय गाजियाबाद की विधानसभा सभा सीट अतुल गर्ग के सांसद बनने से खाली है जिस पर उपचुनाव होना है .बेटे के टिकट के लिए भाजपा ने उनसे यह कुर्बानी मांगी हो इधर टिकट और निकट भविष्य में राज्यपाल बनाने की संभावनाओं से इंकार नहीं किया जा सकता है.
हालांकि के सी त्यागी जी ने अभी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता पद से इस्तीफा दिया है पार्टी की सदस्यता से नहीं.