तो बता देनाimage source meta ai

विशाखा गोयल

vishakha goel

इन हवाओ में छोड़ा था जो

तुझ तक वो पैगाम पहुंचा क्या ?!

सरे-आम किया था, याद है?

तुझ तक वो ऐलान पहुंचा क्या ?!

पन्नो में सिमटा हुआ सा,

तुझ तक वो गुलाब पहुंचा क्या ?!

पहुंचे तो बता देना..

सायल हो गयी हूँ, अब तो समझ ले,

और जो ना समझे, तो बता देना |

मुखातिब हुए तुझसे जिस रोज़,

तुझे वो शाम याद है क्या ?!

रूहानियत से तेरी रूबरू होकर,

मेरे चेहरे का वो नूर याद है क्या ?!

शबनम पत्तो पर, 

पहली बारिश की वो खुशबू याद है क्या ?!

याद है तो बता देना..

हमे देखना और मुसलसल मुस्कुराना,

कुछ तो बात हम में भी है,

और जो ना हो, तो बता देना |

बहाना ना हो कोई बात रोकने को,

कहे तो वक़्त रोक दूँ क्या ?!

मुकाम तक ना पहुंचे कभी,

ये रास्ता रोक दूँ क्या ?!

ख़्वाबीदा सा लगे तेरे साथ में,

ये पल रोक दूँ क्या ?!

रोकना हो तो बता देना..

वस्ल के अंगारे जो मुझ में जल रहे हैं,

अब तो बुझा दे,

और जो ना बुझा पाए, तो बता देना |

शख्स ऐसा अगर नसीब हो,

इनायत मान लूँ तो गलत है क्या ?!

सिफर सी थी, तुझसे मुकम्मल हूँ,

तुझे अपना मान लूँ तो गलत है क्या ?!

ये नया एहसास और बेचैनी,

तुझे दोषी मान लूँ तो गलत है क्या ?!

गलत हो, तो बता देना..

चल मोहब्बत करने का गुनाह कबूल करती हूँ,

पर गुनेहगार तो तू भी है,

और जो ना हो, तो बता देना ||

रचनाकार- हिंदी की सुप्रसिद्ध कवयित्री हैं।

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