
World Girl child day 2021: आज अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस है। अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस प्रत्येक वर्ष 11 अक्टूबर को मनाया जाता है तथा प्रत्येक वर्ष एक नई थीम रखी जाती है।विश्व स्तर पर बहुत सारे ऐसे भेदभाव है जो सभी देशों में देखने को मिलता है जैसा कि लैंगिक भेदभाव! लैंगिक भेदभाव समाज की एक ऐसी कुरीतियां है जीससे समाज को खोखला हो रहा है। लैंगिक भेदभाव को किसी महामारी से कम आका नहीं जा सकता है , हम लोग परंपराओं की कुछ गलत नीतियों को अपना पर भी अपने नई तथा आधुनिक समाज को दूषित करने का काम किया है। देखा जाए तो विगत कुछ वर्षों से लैंगिक भेदभाव एक पैमाने स्तर से कम हुई है इसमें सरकार की तथा शिक्षित समाज की अहम भूमिका है।
11 अक्टूबर – अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस (World Girl Child Day)
24 जनवरी – राष्ट्रीय बालिका दिवस (भारत)
अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस थीम 2021 – इस साल डिजिटल पीढ़ी , हमारी पीढ़ी (Digital Generation Our Generation)
अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस क्यों मनाया जाता है?
आधुनिक युग में होते हुए भी बहुत सारे बेड़ियो में जकड़े हुए कुरीतियों को ढोते चले आ रहे हैं।अक्सर समाज में लैंगिक भेदभाव देखने को मिलता है , बहुत से घरों में बेटियों की अधिकार का गला घोट दिया जा रहा है। हमेशा बेटो के अधिकार के मामले में बेटियों को कम आंका गया है , घर का फैसला लेने तक में भी लैंगिक भेदभाव का दबदबा कायम है। हम लोगों ने बेटियों को कुछ अलग करने का मौका ही नही दे पाया है।अपने समाज की बेड़ियो में जकड़ कर
हम सभी ने बेटियों का सबसे बड़ा अधिकार शिक्षा तक का भी गला घोट दिया है। हम सभी अक्सर यह भूल जाते हैं कि हम सभी का सबसे बड़ा गुरु मां ही होती है अर्थात किसी की बेटी तो किसी की बहन , यदि बेटियों को शिक्षित नहीं करेंगे तो अपने अधिकार के लिए तथा अपने पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ कैसे लड़ेंगे कैसे पता चलेगा कि घरेलू हिंसा की धारा 2009 , बाल विवाह रोकथाम की धारा 2009 तथा दहेज प्रथा कानून 2006 क्या है। इसी भेदभाव को दूर करने तथा बेटियों को अधिकार दिलाने के लिए अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस के रूप में मनाते है।
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अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस की शुरूआत:-
लैंगिक भेदभाव अर्थात बेटियों के साथ हो रहे अन्याय को रोकने को लेकर एक निजी संघ के द्वारा ”क्योंकि मैं एक लड़की हूं” के नाम से शुरू किया गया। बाद में यह संघ कनाडा के सरकार से संपर्क किया , इस पहल को कनाडा के सरकार के द्वारा 55वे आम सभा में प्रस्ताव के रूप में रखा गया। संयुक्त राष्ट्र ने 19 दिसंबर 2011 को प्रस्ताव को पारित किया , 11 अक्टूबर 2012 से पहला अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस के रूप में मनाया गया उसके बाद से प्रत्येक वर्ष मनाया जाता है। भारत सरकार भी 24 जनवरी को राष्ट्रीय बालिका दिवस के रूप में मनाता है।
अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस में सरकार की भूमिका:
अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस में सरकार की अहम भूमिका तथा योग्यदान है। सरकार के द्वारा बहुत सारी योजना जैसे धनलक्ष्मी , बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान ! बेटियों को सभी क्षेत्रों में आगे बढ़ने के लिए बहुत सारे अभियान चलाया भी जा रहा है , कुछ क्षेत्र को रिजर्व भी किया गया है तो अब सभी जगह बेटियां सूर्य की तरह प्रकाश बिखेर रही है तथा बेटों पर भारी पढ़ रही है। शिक्षित अभिभावकों ने भी बेटियों की अधिकार को समझा और अपने बेटियों को आगे किया है।
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