
सिर्फ खंजर ही नहीं आंखों में पानी चाहिए ,
ऐ खुदा मुझे दुश्मन भी खानदानी चाहिए ,
मैंने अपनी खुश्क आंखों से कुछ आंसू छलका दिया ,
एक समंदर कह रहा था मुझे पानी चाहिए !!
फैसला जो कुछ भी हो इशारों में बता भी देना ,
उससे हाथ जब मिला ना तो थोड़ा दबा भी देना ,
वैसे इस खत में कुछ भी नहीं है ,
पर एहतियातन इसे पढ़ लो तो जला भी देना !!
फैसला जो कुछ भी हो मंजूर होनी चाहिए ,
इश्क हो या जंग भरपूर होनी चाहिए ,
कट गई उम्र जिनकी पत्थर तोड़ते- तोड़ते साहब अब तो इन हाथों में कोहिनूर होनी चाहिए !!
वह मेरी आंखों में समाया भी बहुत लगता है ,
पर वही शख्स मुझे पराया भी बहुत लगता है ,
उससे मिलने की तमन्ना भी बहुत है ,
मुझे, लेकिन आने जाने में किराया भी बहुत लगता है !!
आंखों में पानी रखोहोठों पर चिंगारी रखो ,
जिंदा रहना है तो तरकीब बहुत सारी रखो ,
राह के पत्थर से बढ़कर कुछ नहीं है मंजिले ,
रास्ते आवाज देते हैं सफर जारी रखो !!
सूरज, सितारे, चांद मेरे साथ में रहे ,
जब तक तुम्हारे हाथ मेरे हाथ में रहे ,
शाखों से टूट जाएं वह पत्ते नहीं हैं हम ,
आंधी से कोई कह दे औकात में रहे !!
दोस्ती जब किसी से की जाए ,
दुश्मनों की भी राय ली जाए ,
मौत का जहर है फिजाओं में अब कहां जाकर सांस ली जाए!!
जिंदगी सवाल थी जवाब मांगने लगे ,
फरिश्ते ख्वाब में आकर हिसाब मांगने लगे ,
और इधर एहसान किए किसी पर इधर जीता दिए ,
यानी नमाज पढ़कर आए और शराब मांगने लगे!!
फूलों की दुकान करो खुशबू का व्यापार करो ,
इश्क करना खाता है ,
तो इस खाता को सौ बार करो ,
और इन मल्लाहों का चक्कर छोर तुम तैर के दरिया पार करो !!
हम अब अपनी मकान में ताला लगाने वाले हैं ,
खबर मिली है कि मेहमान आने वाले हैं ,
और इन्हें जहाज की ऊंचाइयों से क्या मतलब यह लोग सिर्फ कबूतर उड़ाने वाले हैं!!