जिस देश में गुरू की महिमा को बखानते हुए गुरु पूर्णिमा पर ”गुरुर्ब्रह्मा, गुरुर्विष्णु गुरुर्देवो महेश्वर:। गुरुर्साक्षात् परब्रह्म तस्मै श्री गुरुवे नम:।।” के संदेशों की बाढ़ से आपका दिमाग आपको किसी दूसरे लोक में ले जाता हो, वहीं इसके ठीक उलट शिक्षा माफिया एक सिंडीकेट के रूप में बच्चे की प्राइमरी क्लास से लेकर आला दर्जे की नौकरी दिलाने की ठेकेदारी ले रहा हो, तो यह सोचना भी बेमानी है कि जो शिक्षित होता दिखाई दे रहा है या यूं कहें शिक्षित होते दिखाया जा रहा है, वह ‘वास्तव में शिक्षित’ हो भी रहा है।
Vijay Kumar
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